केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया सिंह पटेल ने आज नई दिल्ली में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए महामारी की तैयारियों पर क्वाड कार्यशाला का उद्घाटन किया। भारत की अध्यक्षता में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन विदेश मंत्रालय तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। कार्यशाला का उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य आपातकालीन ढांचे को मजबूत करना, स्वास्थ्य खतरों के लिए तैयारी और नई महामारियों के लिए समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है। कार्यशाला में बहुक्षेत्रीय लेंस के माध्यम से मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को संबोधित करते हुए वन हेल्थ दृष्टिकोण के कार्यान्वयन पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
कार्यशाला में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 15 देशों के 25 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस दौरान श्रीमती पटेल ने कहा कि हाल के दिनों में उभरते स्वास्थ्य खतरों के बढ़ने से वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा की रक्षा के लिए मजबूत तैयारियों, बढ़ी हुई निगरानी और अच्छी तरह से समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया तंत्र की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित किया गया है। उन्होंने बताया कि भारत ने महामारी कोष की स्थापना के लिए एक करोड़ अमरीकी डालर का योगदान दिया है। श्रीमती पटेल ने कहा कि भारत ने इसके निरंतर कामकाज के समर्थन करने के लिए अतिरिक्त एक करोड़ बीस लाख अमरीकी डॉलर देने का वचन दिया है।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, प्रो. अजय कुमार सूद ने देश में स्वास्थ्य सेवाओं को एकीकृत करने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि यह कार्यशाला ज्ञान, सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने और भविष्य के स्वास्थ्य संकटों का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने का एक मूल्यवान अवसर है।