केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जलविद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र की राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है। कैबिनेट ने इस संबंध में ऊर्जा मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है । इस योजना का परिव्यय चार हजार एक सौ 36 करोड़ रुपये है, जिसे 2024-25 से 2031-32 तक लागू किया जाएगा। योजना के तहत लगभग 15 हजार मेगावाट की संचयी जलविद्युत क्षमता को समर्थन दिया जाएगा। यह योजना राज्य सरकार के साथ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम की सभी परियोजनाओं के लिए एक संयुक्त उद्यम कंपनी के गठन का प्रावधान करती है।