केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि – पीएम स्वनिधि योजना के पुनर्गठन को मंज़ूरी दे दी है। मंत्रिमंडल ने ऋण अवधि को 31 दिसंबर 2024 से आगे बढ़ाने को भी मंज़ूरी दे दी। ऋण अवधि अब 31 मार्च, 2030 तक बढ़ा दी गई है। इस योजना का कुल परिव्यय सात हज़ार 332 करोड़ रुपये है। पुनर्गठित योजना की प्रमुख विशेषताओं में पहली और दूसरी किस्त में बढ़ी हुई ऋण राशि, दूसरा ऋण चुकाने वाले लाभार्थियों के लिए यूपीआई-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड का प्रावधान और खुदरा तथा थोक लेनदेन के लिए डिजिटल कैशबैक प्रोत्साहन शामिल हैं। पहली किस्त के ऋण को दस हज़ार रुपये से बढ़ाकर 15 हज़ार रुपये और दूसरी किस्त के ऋण को 20 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 25 हज़ार रुपये कर दिया गया है, जबकि तीसरी किस्त 50 हज़ार रुपये पर अपरिवर्तित रहेगी। पुनर्गठित योजना का लक्ष्य 50 लाख नए लाभार्थियों सहित एक करोड़ 15 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित करना है। इस योजना का दायरा चरणबद्ध तरीके से वैधानिक कस्बों से आगे बढ़कर जनगणना कस्बों और अर्ध-नगरीय क्षेत्रों तक बढ़ाया जा रहा है। यूपीआई से जुड़े रुपे क्रेडिट कार्ड की शुरुआत से रेहड़ी-पटरी वालों को किसी भी आकस्मिक व्यावसायिक और व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तुरंत ऋण उपलब्ध होगा। डिजिटल अपनाने को बढ़ावा देने के लिए, रेहड़ी-पटरी वाले खुदरा और थोक लेनदेन पर एक हज़ार 600 रुपये तक के कैशबैक प्रोत्साहन का लाभ उठा सकते हैं।
सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान अभूतपूर्व कठिनाइयों का सामना करने वाले रेहड़ी-पटरी वालों की सहायता के लिए 1 जून 2020 को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शुरू की थी। इस वर्ष जुलाई तक, 68 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को 13,797 करोड़ रुपये के 96 लाख से अधिक ऋण वितरित किए जा चुके हैं।