नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी वी आर सुब्रमण्यम ने कहा है कि भारत को ऐसे क्रांतिकारी कदम उठाने की आवश्यकता है, जहां प्रशासनिक निर्णय आंकड़ों पर आधारित हों और उनके प्रभाव का आकलन किया जाए। उन्होंने आज नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में सांख्यिकी सलाहकारों की दूसरी समीक्षा बैठक के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही। श्री सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार के प्रत्येक स्तर पर आंकड़े बहुत महत्वपूर्ण हैं और आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर ही निर्णय लिये जाने चाहिए। उन्होंने सांख्यिकी में नये उपकरणों और विधियों के साथ तालमेल बैठाने के लिए निरंतर कौशल उन्नयन की आवश्यकता पर बल दिया।
श्री सुब्रमण्यम ने नई प्रौद्योगिकी सहित देश की सांख्यिकी प्रणाली में मौजूदा सुधारों पर बल दिया। उन्होंने बिजनस सांख्यिकी के महत्व का भी जिक्र किया। श्री सुब्रमण्यम ने वाणिज्यिक और कॉर्पोरेट कार्यों में आंकड़ों के सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।
आंकड़ों के प्रबंधन में चुनौतियों पर श्री सुब्रमण्यम ने प्रशासनिक आंकड़ों के साथ कार्य करने के परिणामों पर चर्चा की। उन्होंने इस संबंध में बेहतर उपकरणों और पद्धतियों की आवश्यकता पर बल दिया। श्री सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार आंकड़ों से संबंधित प्रयोगशाला की स्थापना और सूचकांकों तथा सर्वेक्षणों के लिए नये आधार वर्ष तय करने सहित आंकड़ों के प्रबंधन में सुधार के लिए कदम उठा रही है।