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फ़रवरी 12, 2025 11:07 पूर्वाह्न

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केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र गडसा का 63वाँ स्थापना दिवस क्षेत्रीय किसान मेला के रूप में मनाया

 

केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान के उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केंद्र गडसा जिला कुल्लू का 63वाँ स्थापना दिवस क्षेत्रीय किसान मेला (प्रौद्योगिकी प्रदर्शन एवं किसान-वैज्ञानिक संवाद) के रूप में मनाया गया। प्रौद्योगिकी प्रदर्शन एवं किसान-वैज्ञानिक संवाद का आयोजन भारत सरकार की अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उपयोजनाओं के माध्यम से किया गया।

केंद्र के अध्यक्ष डॉ. आर. पुरुषोत्तमन द्वारा अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया गया। गडसा केंद्र के प्रभारी ने इस अवसर पर लोगों को संस्थान के हर कार्यक्रम मे जुड़ने के लिए धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम के अतिथि डॉ. बी. के. जोशी, पूर्व निदेशक, ICAR-NBAGR, डॉ. ए. के. मोहंती, निदेशक, ICAR-CIRC, डॉ. आर्तबंधु साहू, निदेशक, ICAR-NIANP, डॉ. आर. पुरुषोत्तम, प्रभारी एनटीआरएस, डॉ. अजय कुमार, नोडल अधिकारी एससीएसपी, डॉ. राजेंद्र पाल, उपनिदेशक पशुपालन कुल्लू विभाग, इंद्रभूषण कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अविकानगर रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अरुण कुमार तोमर, निदेशक, ICAR-CSWRI, अविकानगर द्वारा की गई।

सभी अतिथियों को आयोजित कृषि और पशुपालन व उनसे विकसित उत्पादों की प्रदर्शनी का भ्रमण, गडसा केंद्र के पशुओं की लाइव प्रदर्शनी का भ्रमण निदेशक द्वारा करवाया गया। इस अवसर पर किसानों द्वारा भेड़ की ऊन उत्पादों से बनाए गए पारंपरिक परिधानों की सुन्दर झांकी निकाली गई। कार्यक्रम के दौरान डॉ. अजय कुमार, नोडल अधिकारी SCSP ने किसानों के हित में संस्थान द्वारा चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का लाभ उठाने के लिए संस्थान से जुड़े रहने का आग्रह किया। निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर, केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान द्वारा गडसा केंद्र की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अविशान नस्ल की भेड़ें हिमाचल के किसानों के लिए वरदान सिद्ध होंगी। किसान को वर्तमान के हिसाब से वैज्ञानिक तरीके से भेड़पालन करने का निवेदन किया। अतिथि डॉ. आर्तबंधु साहू, निदेशक, ICAR-NIANP द्वारा किसानों को पशुपालन से अधिक लाभ कमाने हेतु पशुओं के पोषण से सम्बंधित जानकारी प्रदान की गई। डॉ. ए. के. मोहंती, निदेशक, ICAR-CIRC, ने किसानों को केंद्र से जुड़कर संस्थान के पशु भेड़ और अंगोरा खरगोश के उन्नत पशु पालकर अपनी आजीविका बढ़ाने का निवेदन किया। उन्होंने कहा आपको पशुपालन ओर खेती आधारित मूल्य संवार्दित उत्पादों का निर्माण आजीविका मे बढ़ोतरी के लिए करना चाहिए। इस अवसर पर गडसा और अविकानगर से प्रकाशन भेड़पालन कैलेंडर, प्रसार पत्र, भेड़ रेवड के लिए छोटा शेड मॉडल आदि का विमोचन अथितियों द्वारा किया गया। विभिन्न स्थानों से प्रदर्शनी लेकर आये किसानों और प्रगतिशील किसानों को प्रशस्ति प्रमाण पत्र एवं समृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. रजनी चौधरी एवं डॉ. पल्लवी चौहान को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। सम्माननीय अतिथि डॉ. बी. के. जोशी ने सभी हिमाचल और राजस्थान के सम्मानित प्रगतिशील किसानों को शुभकामनाएं देते हुई बधाई दी और संस्थान दवारा किसानों के हितों में किये जा रहे भरसक प्रयासों की सराहना की। डॉ. राजिन्द्र पॉल, उप-निदेशक, पशु पालन विभाग, ने भारत सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए किसानों को आगे आकर फायदा लेने के लिए प्रेरित किया गया। कार्यक्रम में लगभग 550 से ज्यादा अनुसूचित जाति एवं जनजाति किसान हिमाचल प्रदेश एवं राजस्थान के विभिन्न जिलों से भ्रमण पर आये आदि किसानों द्वारा भाग लेकर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन ओर प्रगतिशील किसानो के अनुभव, अथितियों और संस्थान के फार्म का भ्रमण किया गया। अविकानगर संस्थान के मीडिया प्रभारी डॉ. अमर सिंह मीना द्वारा मीडिया को कार्यक्रम की जानकारी साझा की गई।