सर्वोच्च न्यायालय ने आज कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से मंजूरी प्राप्त फिल्म को हर राज्य में रिलीज किया जाना चाहिए। कर्नाटक में तमिल फिल्म ठग लाइफ पर प्रतिबंध पर अपनी असहमति व्यक्त करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि लोगों को विरोध प्रदर्शन करने के लिए कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने कहा कि कानून के नियम की मांग है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से प्रमाण पत्र प्राप्त कोई भी फिल्म रिलीज होनी चाहिए और राज्य को इसकी स्क्रीनिंग सुनिश्चित करनी चाहिए।
पीठ ने महेश रेड्डी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मणिरत्नम द्वारा निर्देशित ‘ठग लाइफ’ की स्क्रीनिंग की अनुमति देने के निर्देश देने की मांग की गई थी। इस फिल्म के निर्माता कमल हसन की इस टिप्पणी के बाद इस फिल्म का प्रदर्शन का रोकने की धमकी दी गई थी कि कन्नड भाषा का जन्म तमिल भाषा से हुआ है। पीठ ने कर्नाटक सरकार से बुधवार तक अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है और मामले की आगे सुनवाई बृहस्पतिवार को होगी।