कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों को होने वाले नुकसान और फसल बीमा के माध्यम से मिलने वाले मुआवजे के बीच के अंतर को कम करने के लिए अब उपग्रहों के माध्यम से इन नुकसानों का सर्वेक्षण किया जाएगा। महाराष्ट्र के नासिक में यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों को संबोधित करते हुए श्री चौहान ने बताया कि जब प्याज या अन्य फसलों के दाम बढ़ने से लोगों की शिकायतें बढ़ती हैं। इसके कारण किसानों को मिलने वाली राशि में वृद्धि नहीं हो पाती है। बढ़ी हुई कीमतों का सबसे अधिक लाभ बिचौलियों को होता है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यदि किसान अपनी उपज दूसरे राज्यों में बेचना चाहते हैं, तो परिवहन लागत केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समान रूप से साझा की जानी चाहिए, जिसमें दोनों सरकारें पचास-पचास प्रतिशत का योगदान देंगी।
श्री चौहान ने बताया कि नैफेड जैसी एजेंसियों द्वारा प्याज की खरीद में अनियमितताओं की शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि प्याज की खरीद को सुविधाजनक बनाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था स्थापित की जाएगी। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने किसानों से बातचीत की और उनकी उपज के बारे में जानकारी हासिल की।