कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आज उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालयों के कई बिलों का भुगतान समय पर न होने के कारण पश्चिम बंगाल सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त की। न्यायमूर्ति देबांशु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने राज्य सरकार से सवाल किया कि पश्चिम बंगाल के वित्त सचिव और कलकत्ता उच्च न्यायालय के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक के बावजूद वे किसी निष्कर्ष पर क्यों नहीं पहुँच पाए। सरकारी वकील ने उच्च न्यायालय से इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सात दिन का और समय माँगा क्योंकि छठ पूजा के कारण राज्य सरकार के कार्यालय बंद हैं।
सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार पहले ही दो करोड़ 94 लाख रुपये स्वीकृत कर चुकी है। उच्च न्यायालय ने चेतावनी दी कि यदि धनराशि जल्द से जल्द जारी नहीं की गई तो राज्य के भारतीय रिजर्व बैंक खाते को फ्रीज करने सहित गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। उच्च न्यायालय ने 29 अक्टूबर और 6 नवंबर को उच्च न्यायालय और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के बीच प्रशासनिक बैठक आयोजित करने का आदेश दिया।