बिहार के औरंगाबाद जिले में स्थित भारतीय रेल बिजली कंपनी ने कहा है कि उसकी थर्मल पावर परियोजना को पूरी तरह प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए अत्याधुनिक प्रदूषण नियंत्रण संयंत्र स्थापित किये जायेंगे । कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीजेसी शास्त्री ने बताया कि इस पर 700 करोड़ रुपये की लागत से इसे स्थापित किया जायेगा ।
आज संवाददाताओं से बातचीत में श्री शास्त्री ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित इस प्लांट को 2026 के अंत तक स्थापित कर लिया जायेगा ।
कंपनी के सीईओ ने कहा कि इसके बाद यह परियोजना 99 प्रतिशत से अधिक प्रदूषण मुक्त हो जाएगी । श्री शास्त्री ने कहा कि इस परियोजना में एक सोलर पावर प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया जा रहा है जिसकी कुल उत्पादन क्षमता 22 मेगावाट होगी । सोलर पावर प्लांट की स्थापना पर 100 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आएगी । यह औरंगाबाद जिले में पहला सोलर पावर प्लांट होगा ।
भारतीय रेल बिजली कंपनी की नबीनगर परियोजना की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 1000 मेगावाट है जिसकी 90% उत्पादित बिजली भारतीय रेलवे को दी जाती है जबकि 10% यानी 100 मेगावाट बिजली बिहार को मिलती है । बीआरबीसीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि कहा कि रेलवे को कुल बिजली आवश्यकताओं की 25 प्रतिशत पूर्ति भारतीय रेल बिजली कंपनी की नबीनगर प्रोजेक्ट से हो रही है यानि देश की 25% ट्रेनें औरंगाबाद में बनी बिजली से चल रही हैं ।
श्री शास्त्री ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान इस परियोजना को 576 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ था जिसमें एनटीपीसी की हिस्सेदारी 74 प्रतिशत और भारतीय रेलवे की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत थी ।
गौरतलब है कि बीआरबीसीएल की नबीनगर परियोजना में ढाई – ढाई सौ मेगावाट उत्पादन क्षमता की कुल चार इकाइयां स्थापित हैं और इसका निर्माण 8000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से कराया गया है ।