ओडिया साहित्य के सबसे प्रसिद्ध आधुनिकतावादी कवियों में से एक और पद्म भूषण से सम्मानित रमाकांत रथ का आज सवेरे 91 वर्ष की आयु में भुवनेश्वर में निधन हो गया। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की गहरी छाया पड़ गई है, जो ओडिया साहित्य में एक युग का अंत है।
1957 बैच के आई ए एस अधिकारी, रमाकांत रथ ने ओडिशा के मुख्य सचिव के रूप में भी काम किया और केंद्र सरकार में भी कई प्रमुख पदों पर रहे। उनकी काव्य कृतियाँ अपनी गहराईयों और अंतर्दृष्टि के लिए प्रसिद्ध हैं।
उनकी कृतियों में कविताएँ ‘श्री राधा’ विशेष रूप से शामिल हैं। उनकी रचनाओं का अंग्रेजी और कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
साहित्य में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हे वर्ष 2006 में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 1998 से 2003 तक भारतीय साहित्य अकादमी के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया। रमाकांत रथ का अंतिम संस्कार कल पुरी के स्वर्गद्वार में किया जाएगा।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रमाकांत रथ के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ओडिया साहित्य को एक नई पहचान दी थी।
केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, जुआल ओराम और कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने रमाकांत रथ के निधन पर शोक व्यक्त किया है।