भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने कल कहा कि शंघाई सहयोग संगठन-एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तियानजिन की यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को नई गति प्रदान करेगी।
चीन के राजदूत कल नई दिल्ली में एससीओ शिखर सम्मेलन 2025 – भारत–चीन संबंधों की पुनर्स्थापना कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चीन और भारत का एक संयुक्त कार्य समूह इस यात्रा को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। राजदूत शू ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी की हाल की नई दिल्ली यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीमा पर शांति बनाए रखने के महत्व पर ज़ोर दिया और इसके निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक स्वीकार्य समाधान के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। राजदूत शू ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और वांग यी के बीच सीमा प्रश्न पर विशेष प्रतिनिधियों की 24वें दौर की वार्ता के बारे में कहा कि इस वार्ता में महत्वपूर्ण 10-सूत्रीय कार्यक्रम पर सहमति मिली।
चीन के राजदूत ने कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि चीन-भारत के साथ मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि चीन और भारत प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि साझेदार हैं और उन्हें बातचीत के ज़रिए मतभेदों को सुलझाना चाहिए।