भारतीय स्टेट बैंक-एसबीआई की आर्थिक अनुसंधान इकाई के इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था सात दशमलव चार प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक की अनुसंधान इकाई ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद का आठ फीसदी तक पहुंचने की संभावना है। एसबीआई की कल जारी रिपोर्ट में चौथी तिमाही का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान के अनुरूप है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान सात दशमलव तीन प्रतिशत रखा है। विकास दर सात दशमलव पांच प्रतिशत रह सकती है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आर्थिक विकास दर को सात प्रतिशत रखा गया है।
पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर बढ़कर आठ दशमलव चार प्रतिशत, दूसरी तिमाही में सात दशमलव छह प्रतिशत और पहली तिमाही में सात दशमलव आठ प्रतिशत हो गई। सरकार चौथी तिमाही के लिए जीडीपी अनुमान की घोषणा 31 मई 2024 को करेगी।
ग्रामीण और शहरी परिदृश्यों में धर्मनिरपेक्ष विकास की प्रवृत्ति है विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, वृद्धिशील विकास में बढ़ोतरी हो रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक गति में डीजल की खपत और दोपहिया वाहनों की बिक्री में तेजी देखी जा रही है।
दूसरी ओर शहरी आर्थिक गति में यात्री वाहनों की बिक्री, हवाई अड्डे पर यात्री यातायात, जीएसटी संग्रह, क्रेडिट कार्ड लेनदेन, पेट्रोलियम खपत और टोल संग्रह सभी चीजों में सुधार का संकेत है।