रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे कुछ क्षेत्रों को लेकर आपसी मतभेदों को कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर सुलझाने की वार्ता कर रहे हैं। इस वार्ता के नतीजे में समान और परस्पर सुरक्षा पर आधारित व्यापक सहमति बनी है।
श्री राजनाथ सिंह ने आज तवांग में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा और मेजर रालिंगनाव बॉब खातिंग पराक्रम संग्रहालय का वर्चुअल रूप से उद्घाटन करने के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की प्रतिमा लोगों को एकता की शक्ति और भारत जैसे विभितापूर्ण देश के निर्माण के दृढ़ संकल्प की याद दिलाती रहेगी।
रक्षा मंत्री ने कहा की राष्ट्र का सर्वाीगीण विकास पूर्वोत्तर की समृद्धि से ही संभव होगा। उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वोंत्तर का ऐसा विकास करेगी जो क्षेत्र को प्राकृतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि आर्थिक रूप से भी मजबूत और समद्ध बनाएगा।
श्री राजराथ सिंह ने कहा कि सशस्त्र सेनाएं न केवल सुरक्षा प्रदान करती है बल्कि सीमावती क्षेत्रों में लोगों के साथ सहयोग कर क्षेत्र के विकास का माध्यम बनती हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में विकास, शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। रक्षा मंत्री ने असम में तेजपुर में चार कोर मुख्यालय का उद्घाटन भी किया।
रक्षा मंत्री को तवांग जाना था लेकिन खराब मौसम के कारण वे नहीं जा पाये। उद्घाटन स्थल पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल के.टी परनायक, मुख्यमंत्री पेमा खांडू केंद्रीय मंत्री किरण रिजूजू, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेंन सिंह समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।