अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स ने मंकीपॉक्स वायरस के संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए हैं। एम्स ने कहा है कि मंकीपॉक्स से पीडित लोगो से संपर्क में आज चुके लोगों की पहचान करने और ऐसे मामलों से निबटने के तत्काल उपाय किए जाएंगे। एम्स की ओर से सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे मंकीपॉक्स के संदिग्ध रोगियों की सारी जानकारी एकीकृत निगरानी कार्यक्रम के तहत अधिकारियों को तुरंत दें और ऐसे मरीजों को अलग रखने का इंतजाम करें। एम्स ने अपने यहां मंकीपॉक्स के रोगियों के लिए पांच बिस्तर आरक्षित किए हैं। इसके साथ ही मंकी पॉक्स के संदिग्ध मरीजों के उपचार के लिए सफदरजंग अस्पताल को अधिकृत किया गया है। ऐसे मरीजों के लिए एक समर्पित एम्बुलेंस सेवा का भी इंतजाम किया गया है। इस सेवा के लिए मोबाइल नंबर 8 9 2 9 6 8 3 8 9 8 से संपर्क किया जा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन- डब्ल्यूएचओ द्वारा मंकी पॉक्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के बाद एम्स की ओर से ये दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। मंकीपॉक्स जानवरों से मनुष्य में फैलने वाला एक वायरस है जिसके लक्षण चेचक के रोगियों में पाए जाने वाले लक्षणों के समान होते हैं।