राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की कार्यवाहक अध्यक्ष विजया भारती सयानी ने प्रत्येक व्यक्ति से देश की सभ्यता में निहित ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ की भावना के आधार पर मानवाधिकारों की संस्कृति को बढ़ावा देने और इसके संरक्षण के लिए खड़े होने का आह्वान किया है। विश्व मानवाधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में उन्होंने कहा कि आयोग हरेक व्यक्ति के अधिकारों और उसकी मान-मर्यादा की रक्षा के लिए उनके सशक्तीकरण और प्रोत्साहन के प्रयास जारी रखने के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भारत के अंदर और संपूर्ण विश्व में मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में यह विशेष रूप से पिछड़े और विकासशील देशों में अन्य राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है। श्रीमती विजया भारती सयानी ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने क्षमता निर्माण की अपनी पहलों के माध्यम से पिछले तीन दशकों में मानवाधिकार संबंधी विभिन्न मामलों के समाधान में अपने व्यापक अनुभव का लाभ उठाया है।
श्रीमती सयानी ने कहा कि मानवाधिकार दिवस मजबूती से यह याद दिलाता है कि प्रत्येक व्यक्ति का जन्म उसके मौलिक अधिकारों के साथ हुआ है जिन्हें उससे अलग नहीं किया जा सकता। मानवाधिकार दिवस का इस वर्ष का विषय है- हमारे अधिकार, हमारा भविष्य, अभी। यह उस विश्वास को और मजबूत करता है कि मानवाधिकार महज एक आकांक्षा नहीं है, बल्कि बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए व्यक्तियों और समुदायों को सशक्त बनाने का व्यावहारिक साधन है।