प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत एक राष्ट्र – एक नागरिक संहिता की ओर बढ रहा है। यह धर्म निरपेक्ष नागरिक संहिता होगी। कल गुजरात के केवडि़या में राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि धर्म निरपेक्ष नागरिक संहिता से भेदभाव समाप्त होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक राष्ट्र – एक पहचान आधार की सफलता हमारे सामने हैं और यह विश्व के लिए भी चर्चा का विषय है।
उन्होंने कहा कि पहले भारत में भिन्न-भिन्न कर प्रणालियां थीं लेकिन सरकार ने एक राष्ट्र – एक कर प्रणाली जीएसटी लागू किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार एक राष्ट्र – एक पावर ग्रिड से बिजली सेक्टर को मजबूती दे रही है और एक राष्ट्र – एक राशन कार्ड के माध्यम से निर्धनों के लिए सुविधाएं एकीकृत की गई हैं।
आयुष्मान भारत के रूप में देश के लोगों को एक राष्ट्र – एक स्वास्थ्य बीमा की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। एकता के इन प्रयासों के तहत अब एक राष्ट्र – एक चुनाव के लिए काम किया जा रहा है। इससे लोकतंत्र और मजबूत होगा तथा देश के संसाधनों का अधिकतम लाभ मिल सकेगा। इससे विकसित भारत का स्वप्न साकार करने के लक्ष्य को नई गति मिलेगी।