एक राष्ट्र-एक छात्र के तहत देश के प्रत्येक विद्यार्थी की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उन्हें यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी। इसके लिए ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री आईडी-अपार की योजना देशभर में लागू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। यह योजना तीन चरणों में लागू होगी। पहले चरण में कक्षा नवमीं से बारहवीं तक, दूसरे चरण में कक्षा छठवीं से आठवीं तक और तीसरे चरण में पहली से पांचवीं तक के विद्यार्थियों की यूनिक आईडी बनाई जाएगी। इस योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों के समग्र विकास और उसकी शैक्षिक प्रगति की निगरानी करना है।
अपार आईडी योजना के क्रियान्वयन के संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किया गया है। अपार आईडी को डिजिलॉकर से जोड़ा जाएगा, जिससे विद्यार्थियों की शैक्षिक प्रगति, परीक्षा परिणाम, रिपोर्ट कार्ड और अन्य उपलब्धियों का डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षित और आसानी से उपलब्ध होगा। यह आईडी भविष्य में उच्च शिक्षा और रोजगार के लिए क्रेडिट स्कोर के रूप में उपयोगी होगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि तीन और चार अक्टूबर को पालक-शिक्षक बैठक का आयोजन कर अभिभावकों से विद्यार्थियों की अपार आईडी बनाने के लिए सहमति ले। सहमति पत्र के आधार पर स्कूल के प्रधानाध्यापक या प्राचार्य के यूडाईस प्लस पोर्टल पर जानकारी प्रविष्ट करने से आईडी स्वतः तैयार हो जाएगी। ऐसे विद्यार्थी जिनके पास आधार कार्ड नहीं हैं, उनके लिए विशेष शिविर आयोजित कर आधार पंजीकरण कराया जाएगा।