एक दवा निर्माता कंपनी के अनुसार एक प्रायोगिक जीन थेरेपी हंटिंग्टन रोग को धीमा करने में सक्षम पाई गई है। रोग के पहले संभावित आनुवंशिक उपचार की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। एम्स्टर्डम स्थित इस कंपनी ने कल घोषणा की कि जिन रोगियों ने हंटिंग्टन रोग के लिए एएमटी-130 थेरेपी की उच्च खुराक प्राप्त की, उनमें 36 महीनों के बाद रोग की प्रगति 75% तक धीमी हो गई। अध्ययन के पूरे परिणाम अभी तक किसी पीयर रिव्यूड पत्रिका में प्रकाशित नहीं हुए हैं।
इस उपचार में मस्तिष्क में माइक्रोआरएनए पहुँचाने के लिए एक हानिरहित वायरस का उपयोग किया जाता है। यह अणु उन दोषपूर्ण आनुवंशिक निर्देशों को रोकता है जो रोग के प्रमुख कारण म्यूटेंट हंटिंग्टन प्रोटीन के हानिकारक संचयन को जन्म देते हैं।
अध्ययन के परिणाम आशाजनक हैं। इन परिणामों से हंटिंग्टन रोग के साथ-साथ पार्किंसंस और अल्जाइमर जैसे अन्य तंत्रिका जनित रोगों के उपचार में संभावित सफलता का संकेत मिलता है।