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जुलाई 7, 2024 7:06 अपराह्न

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ऊनाः 50 वर्षीय हरभजन सिंह डेयरी फॉर्म चलाकर परिवार की आर्थिकी को सुदृढ़ बना रहे हैं

ऊना जिला के देहलां गांव के प्रगतिशील किसान 50 वर्षीय हरभजन सिंह डेयरी फॉर्म चलाकर परिवार की आर्थिकी को सुदृढ़ बना रहे हैं। निजी क्षेत्र में काम करने वाले हरभजन सिंह आज 20 गाय व 6 भैंस पालकर जहां प्रतिदिन एक से डेढ़ क्विंटल दूध का उत्पादन कर रहे हैं, तो वहीं दूध बेचकर अच्छी खासी आमदन भी प्राप्त कर रहे है। हरभजन सिंह के इस कार्य में उनका 19 वर्षीय बेटा अमनवीर सिंह भी हाथ बंटा रहा है। साथ ही डेयरी फार्म में सहयोग के लिए एक स्थानीय ग्रामीण को भी रोजगार मुहैया करवाया है। जब इस संबंध में खुश मिजाज व्यक्तित्व के धनी हरभजन सिंह से बातचीत की तो उनका कहना है बचपन से ही पिता जी के साथ वे पशुपालन से जुड़े रहे हैं। पहले वे छोटे स्तर पर यह कार्य करते रहे हैं, लेकिन पिछले 4 वर्षों से उन्होंने बडे़ स्तर पर डेयरी फॉर्म चलाने का निर्णय लिया। वर्तमान में उनके पास मुर्रा नस्ल की 6 भैंसे तथा साहीवालए जर्सी तथा एचएफ नस्ल की 20 गाय हैं। एक भैंस से जहां औसतन 18 लीटर दूध प्राप्त हो रहा है, तो वहीं गायों से औसतन 30 से 35 लीटर दूध प्रतिदिन मिल रहा है।

 

कुल मिलाकर एक दिन में वे औसतन एक से डेढ़ क्विंटल दूध उत्पादन कर रहे हैं। वर्तमान में उन्हें कुल दूध उत्पादन में से संपूर्ण लागत व खर्च निकालकर लगभग 30 से 35 प्रतिशत तक की शुद्ध आय प्राप्त हो रही है। हरभजन सिंह बताते हैं कि वे अधिकत्तर दूध अमूल डेयरी को बेच रहे हैं। इसके अलावा आसपास के ग्रामीण भी घर से ही दूध खरीदते हैं।

 

कुल मिलाकर डेयरी फॉर्म से तैयार दूध आसानी से बिक जाता हैए लेकिन उन्हें दूध की लागत के हिसाब से बड़ी कंपनियां अमूलए वेरका इत्यादि बेहतर दाम नहीं दे रही हैं। उनका कहना है दूध खरीद की दिशा में प्रदेश सरकार कुछ मदद करे तो वे भविष्य में डेयरी फॉर्म से अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। ’डेयरी फार्म से जुड़कर युवा घर बैठे कमा सकते हैं लाखों रूपये’ हरभजन सिंह कहते हैं कि डेयरी फॉर्म के कार्य को पूरी मेहनत व लगन से किया जाए तो घर बैठे अच्छी आय सृजित की जा सकती है। उनका कहना है कि नये युवाओं को डेयरी फॉर्म के कार्य से जुड़ना चाहिए। इससे न केवल घर बैठे स्वरोजगार की राह आसान होगी, बल्कि अच्छी खासी आमदन भी प्राप्त की जा सकती है। उनका कहना है कि उनका बेटा भी डेयरी फॉर्म संचालन में पूरा सहयोग प्रदान कर रहा है तथा इस क्षेत्र में भविष्य में बड़े स्तर पर कार्य करने की योजना बना रहे हैं।

 

उनका कहना है कि बेटा 12 वीं कक्षा पास कर वेटनरी फॉर्मासिस्ट का प्रशिक्षण भी हासिल कर रहा है ताकि डेयरी उत्पादन की बारीकियों को बेहतर तरीके से समझा जा सके। उन्होंने युवाओं को डेयरी उत्पादन से जोड़ने एवं तकनीकी जानकारी उपलब्ध करवाने को ग्रामीण स्तर पर पशु स्वास्थ्य एवं प्रजनन विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यशालाओं के आयोजन पर भी बल दिया।

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