उमरिया जिले में हाथियों की मृत्यु की घटना पर राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है साथ ही राज्य स्तरीय हाथी टास्ट फोर्स गठित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा जनहानि के मामले में मुआवजा राशि को 8 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रूपये कर दिया गया है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कल शाम उमरिया से लौटे उच्च स्तरीय दल से हाथियों की मृत्यु के संबंध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने बताया कि हाथी- मानव सह अस्तित्व सुनिश्चित करने के लिए हाथी मित्र बनाए जाएंगे। जिन क्षेत्रों में हाथियों की आवाजाही अधिक है, वहां फसलों को बचाने के लिए सोलर फेंसिंग होगी।
किसानों को कृषि के अलावा कृषि वानिकी एवं अन्य वैकल्पिक कार्यों से भी जोड़ने के प्रयास होंगे। उन्होंने बताया कि वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, गौरव चौधरी, और सहायक वन संरक्षक, उप वनमण्डल अधिकारी फतेसिंह निमामा को निलंबित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि वन क्षेत्र में 10 हाथियों की मृत्यु की घटना दुखद एवं दर्दनाक है, जिसे राज्य शासन ने गंभीरता से लिया है। प्रारंभिक रिपोर्ट में कोई कीटनाशक नहीं पाया गया है। पोस्ट मार्टम की विस्तृत रिपोर्ट आना शेष है।
बैठक में बताया गया कि 2 नवम्बर को 2 लोगों को कुचलने वाले हाथी की पहचान कर वन्य-जीव पशु चिकित्सकों, रेस्क्यू दल ने हाथी को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया गया है। बैठक में वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार भी मौजूद थे।