प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में ‘‘इगास बग्वाल’’ का त्योहार पारंपरिक उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। इगास, दिवाली के 11वें दिन एकादशी को मनाया जाता है। इस अवसर पर घरों में दीये जलाए जाते हैं और तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं।
कुमाऊं क्षेत्र में इसे बूढ़ी दिवाली के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व पर रात में स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के बाद ढोल दमाऊं के साथ लोक नृत्य किया जाता है और भैलो खेला जाता है। पर्वतीय अंचल में इगास-बग्वाल मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।