उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत की प्राचीन ज्ञान प्रणालियों को पुनर्जीवित करने के लिए साक्ष्य-आधारित सत्यापन, डिजिटीकरण, अनुवाद और अंतर-विषयक अध्ययनों के महत्व पर जोर दिया है। श्री धनखड ने गोवा के राजभवन में चरक और सुश्रुत की प्रतिमाओं का अनावरण करने के बाद अपने संबोधन में पारंपरिक ग्रंथों को वर्तमान चुनौतियों के लिए सुलभ और प्रासंगिक बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
Site Admin | मई 22, 2025 5:13 अपराह्न
उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत की प्राचीन ज्ञान प्रणालियों को पुनर्जीवित करने के लिए साक्ष्य-आधारित सत्यापन, डिजिटीकरण, अनुवाद और अंतर-विषयक अध्ययनों के महत्व पर जोर दिया है