उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने आज आंध्र प्रदेश के पलासमुद्रम स्थित राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर एवं नारकोटिक्स अकादमी में सिविल सेवा प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने सीमा शुल्क और जीएसटी क्षमता निर्माण के एक प्रमुख केंद्र के रूप में अकादमी के विकास की सराहना की।
उपराष्ट्रपति ने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 में नए अकादमी परिसर का उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा कि तब से यह संस्थान कुशल और भविष्य के लिए तैयार अधिकारियों के विकास का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है।
वर्ष दो हजार सैंतालीस तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में सिविल सेवकों की भूमिका पर बोलते हुए उन्होंने अंतिम छोर तक पहुंच, टीम वर्क और समावेशी विकास की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने युवा अधिकारियों से टीम की उत्कृष्टता को व्यक्तिगत उपलब्धि से ऊपर रखने और निरंतर सीखने तथा सुधार की मानसिकता विकसित करने का आग्रह किया।
उपराष्ट्रपति ने प्रशिक्षुओं को एआई, प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण, मशीन लर्निंग और ब्लॉकचेन जैसी उभरती तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि ये पारदर्शिता, दक्षता और नागरिक सेवा वितरण में सुधार के बड़े अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण कर्मयोगी प्लेटफॉर्म को कभी भी, कहीं भी क्षमता निर्माण के लिए एक उत्कृष्ट संसाधन बताया। इस कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के मंत्री नारा लोकेश, उपराष्ट्रपति के सचिव अमित खरे, अकादमी के महानिदेशक डॉ. सुब्रमण्यम और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।