सितम्बर 7, 2024 8:43 अपराह्न

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सैनिक स्कूल का उद्घाटन किया

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सैनिक स्कूल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम है जो समाज से बुराइयों और कुरीतियों को समाप्त करती है। उपराष्ट्रपति ने नवनिर्मित स्कूल के बुनियादी ढांचे की सराहना करते हुए कहा कि इस सैनिक स्कूल में श्रेष्ठ सुविधाएं हैं, जो देश के अन्य सैनिक स्कूलों और मिलिट्री स्कूलों के लिए एक उदाहरण है।

 

पूर्वांचल कितना महत्वपूर्ण अंग है उत्तर प्रदेश का और यहां की प्रथम सैनिक स्कूल और ऐसी सैनिक स्कूल जिसका ढांचा अद्भुत है मैं सैनिक स्कूल में पला-बढा हूं। मैंने अनेक स्कूलों में जाकर, मिलिट्री स्कूल में जाकर ढांचा देखा है आपने जो करिश्मा यहां किया है वह भविष्य की पीढ़ी का निर्माण का एक रास्ता है जो पूरे देश को दिखाएगा।

 

उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि वे असफलता से न घबराएं, क्योंकि यही सफलता की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि आज का भारत बदला हुआ देश है। राज्य सरकार की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदल दी है।

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि गोरखपुर नेपाल, पश्चिमी बिहार और पूर्वांचल क्षेत्र में रहने वाली लगभग तीन करोड़ की आबादी के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का केंद्र है। 

उन्होंने कहा- गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर बिहार और नेपाल की तीन करोड़ से अधिक की आबादी का शिक्षा का, स्वास्थ्य का, व्यापार का और रोजगार का प्रमुख भी गोरखपुर है। गोरखपुर आज नये भारत के विकास की यात्रा में आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा और मागदर्शन में अपनी पौराणिक और ऐतिहासिक परम्परा को क्षुण्य बनाये रखते हुए विकास की एक नई गति को आगे बढ़ा रहा है।

सैनिक स्कूल, पूर्वी उत्तर प्रदेश का पहला सैनिक स्कूल है। वहीं यह उत्तर प्रदेश का पांचवां सैनिक स्कूल है, जिसमें से तीन झांसी, अमेठी और मैनपुरी में हैं, जो रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित हैं। वहीं चौथा और देश का पहला सैनिक स्कूल जो लखनऊ में है, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित है।

 

इसके बाद उपराष्ट्रपति ने चित्रकूट स्थित जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में आयोजित आधुनिक जीवन में ऋषि परंपरा विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत ऋषि परम्परा का देश है। यहां पर सप्त ऋषियों की पूजा होती है। भारत का इसी परम्परा के बल पर डंका बजता है।