उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस दशक के वैश्विक मध्यस्थता के विकास ने भारत को दुनिया का सबसे महत्वाकांक्षी राष्ट्र बना दिया है।
आज नई दिल्ली में भारत मंडपम में इंडिया इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता: भारतीय परिप्रेक्ष्य विषय पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए, श्री धनखड़ ने कहा कि लोगों की महत्वाकांक्षाएं अधिक हैं, क्योंकि उन्होंने विकास देखा है और जन-केंद्रित नीतियों से लाभ लिया है।
उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है, जब आर्थिक गतिविधियों में तेजी आए और प्रत्येक आर्थिक गतिविधि में मतभेद और विवाद होंगे, जिनका त्वरित समाधान आवश्यक होगा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कभी-कभी धारणागत भिन्नता, अपर्याप्त समर्थन और असहायता के कारण विवाद और मतभेद उत्पन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि ध्यान निर्णय पर केंद्रित होना चाहिए।
श्री धनखड़ ने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर हर क्षेत्र में उभर रहा है और इसे वैश्विक मध्यस्थता समाधान केंद्र के रूप में भी उभरना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वैकल्पिक समाधान से सौहार्दपूर्ण समाधान की ओर कदम दर कदम आगे बढ़ने का समय आ गया है।