उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज मुंबई के एल्फिंस्टन तकनीकी हाई स्कूल और जूनियर कॉलेज में एक कार्यक्रम में राज्य के 434 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में संविधान मंदिरों का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्री धनखड़ ने कहा कि संविधान लोकतंत्र की आत्मा है और संसद इसका संरक्षक है। उन्होंने कहा कि संविधान पढ़ने, समझने और सम्मान करने के लिए है ना कि दिखावा करने के लिए।
उपराष्ट्रपति ने अपील की कि राज्य के सभी अंगों को लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक आदर्शों को विकसित करने के लिए मिलकर और एकजुट होकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इसका उद्घाटन अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर और एक ऐसे संस्थान में किया गया जहां हमारे संविधान निर्माता डॉक्टर बाबा साहेब अम्बेडकर ने शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने संविधान के सम्मान में और भविष्य की पीढ़ियों के लिए 2015 से प्रतिवर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाने की शुरूआत की थी। उन्होंने कहा कि 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित करना महत्वपूर्ण है।
महाराष्ट्र के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने कहा कि भारतीय संविधान के कारण हमारा देश दुनिया का सबसे जीवंत लोकतंत्र है। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले और महाराष्ट्र के कौशल, रोजगार, उद्यमिता तथा नवाचार मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।