नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण कोसी और गंडक बराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से उत्तरी और पूर्वी बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। बाढ का पानी कई नए इलाकों में तेेजी से फैल रहा है। विभिन्न नदियों में भारी जलस़्त्राव से सीतामढ़ी के बेलसंड में बागमती और पूर्वी चंपारण के सुगौली में सिकहरना नदी का तटबंध टूट गया है।
वहीं, खगड़िया, समस्तीपुर, भागलपुर, कटिहार, किशनगंज, अररिया, सुपौल और भोजपुर में भी विभिन्न स्थानों पर तटबंधों पर भारी दबाव बना हुआ है। हालांकि कोसी और अन्य नदियों के जलस्तर में कमी आने से कई स्थानों पर बाढ़ की स्थिति में मामूली सुधार हुआ है। गोपालगंज, सुपौल, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, अररिया, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी और पश्चिम चंपारण सहित सोलह जिलों की लगभग दस लाख की आबादी बाढ से प्रभावित हैं।
शिवहर जिले में बागमती नदी का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर रहने के कारण शिवहर जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। तरियानी छपरा गांव के पास टूटे बागमती तटबंध होकर पानी का बहाव तेजी से जारी रहने के कारण बाढ़ का पानी नए इलाके में फैल रहा है। तरियानी छपरा और आसपास का गांव जलमग्न हो गए हैं।
एनडीआरएफ की टीम बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने में युद्ध स्तर पर काम कर रही है। बाढ़ से प्रभावितल लोग ऊंचे स्थलों पर शरण लिए हुए हैं। इधर, पिपराही प्रखंड के रतनपुर के पास बना रिंग बांध भी पानी के दबाव के कारण टूट गया। तरियानी के अलावा पुरनहिया प्रखंड के बराही जगदीश और दोस्तियां गांव में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बाढ़ प्रभावितों के छह सामुदायिक रसोई कैंप में भोजन कराया जा रहा है।
सुपौल जिले में कोसी नदी के जलस्तर में कमी दर्ज होने के साथ ही बाढ प्रभावित क्षेत्रों में पानी घट रहा है। हमारे संवाददाता ने बताया है कि सदर प्रखंड में घुरन जाने वाली सड़क आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुयी है। इधर, कोसी तटबंध के भीतर लगभग पच्चीस पंचायतों की डेढ़ लाख आबादी बाढ से प्रभावित है। इनके लिए पैंतीस सामुदायिक रसोई किचने का संचालन किया जा रहा है।