उत्तराखण्ड में पिछले दो सालों में चार हजार किलोमीटर से अधिक लो टेंशन लाइन बिछाई गई हैं। इससे बिजली वितरण के क्षेत्र में राज्य ने अभूतपूर्व प्रगति की है। दूरस्थ क्षेत्रों में बिजली पहुंचने से आम जनता की जीवन शैली में सकारात्मक बदवाल आए हैं।
उत्तराखण्ड के औद्योगिक क्षेत्र के विकास में हो रहे व्यापक बदलाव को और अधिक गति देने के लिए बिजली वितरण क्षेत्र सुदृढ़ और समृद्ध हुआ है। यूपीसीएल द्वारा राज्य में एक मजबूत विद्युत वितरण प्रणाली की स्थापना के साथ परिचालन और व्यवसायिक दक्षता में सुधार के लिए अहम कदम भी उठाये गये हैं।
प्रदेश में विद्युत संतुलन बनाये रखने के लिए पिछले दो सालों में लगभग एक लाख नब्बे हज़ार नये विद्युत संयोजन स्थापित किये गए हैं। इसके अलावा, उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता की विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भविष्यनिधि परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।
भारत सरकार की आर०डी०एस०एस० योजना के तहत प्रदेशभर में लगभग 16 लाख उपभोक्ताओं के लिये स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जांएगे। इससे बिजली व्यवस्था का डिजिटलीकरण, ऑटोमेशन और दक्षता में बढ़ोत्तरी होगी और विद्युत हानियों को भी कम किया जा सकेगा।