मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि राज्य सरकार संस्कृत भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए अनेक पहल कर रही है। मुख्यमंत्री ने संस्कृत भारती की ओर से देहरादून और हरिद्वार में आयोजित अखिल भारतीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।
इस अवसर पर उन्होंने देववाणी संस्कृत को मुख्यधारा में वापस लाने के प्रयास पर जोर दिया। श्री धामी ने कहा कि सरकार सार्वजनिक स्थलों पर भी संस्कृत भाषा में स्लोगन और बोर्ड लगाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि संस्कृत भाषा को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जा सके।
उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा अभिव्यक्ति का साधन है और मनुष्य के समग्र विकास की कुंजी है, इसी से मानव सभ्यताओं का विकास हुआ है। पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि संगोष्ठी में देशभर से संस्कृत के विद्वान आए हैं और संस्कृत भाषा के संवर्धन के लिए साधक के रूप में काम कर रहे हैं। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि उत्तराखंड की धरती पर संस्कृत भाषा के उन्नयन के प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि लोग संस्कृत भाषा को जान सकें।