उत्तराखंड विधानसभा सत्र में एक नई शुरुआत के तहत राज्य की द्वितीय राजभाषा संस्कृत में संवाद हुआ। इस दौरान विधानसभा परिसर संस्कृत संभाषण से गूंज उठा। यह पहल विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष दिशा-निर्देश पर शुरू की गई। मध्याह्न के बाद संस्कृत शिक्षा विभाग और संस्कृत अकादमी के सहयोग से सभी मंत्रियों और विधायकों को सरल संस्कृत संभाषण का प्रशिक्षण दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने संस्कृत की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि संस्कृत से ही भारत के विश्वगुरु बनने का रास्ता तय होता है, यही वजह भी है कि सरकार ने संस्कृत को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया है। संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश के तेरह जिलों में तेरह गांवो को संस्कृत ग्राम घोषित किया है, जहां प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है जो ग्रामीणों को सरल संस्कृत संभाषण सिखाएंगे।
Site Admin | फ़रवरी 20, 2025 1:08 अपराह्न
उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन संस्कृत में संवाद