38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड में विकसित की गई अवस्थापना सुविधा की खिलाड़ी और उनके कोच सराहना कर रहे हैं। हालांकि उनका यह भी कहना है कि राष्ट्रीय खेलों के बाद इसे संवारने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
उनका यह भी मानना है कि राष्ट्रीय खेलों के लिए बेहतर इंतजाम कर उत्तराखंड ने खेल भूमि बनने की दिशा में लंबी छलांग लगा दी है। गौरतलब है कि 28 जनवरी से शुरू हुए राष्ट्रीय खेलों के महा आयोजन की तैयारी के लिए उत्तराखंड ने कम समय में बेहतर व्यवस्थाएं बनाई हैं।
कुल 35 खेलों के लिए देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, पिथौरागढ़ और रूद्रपुर सहित कई अन्य स्थानों पर युद्धस्तर पर काम करते हुए सुविधाएं जुटाई गईं। देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज परिसर का राष्ट्रीय खेलों की वजह से कायाकल्प हो गया है। देशभर से आए खिलाड़ी और उनके कोच अवस्थापना सुविधाओं से संतुष्ट हैं, लेकिन इस आयोजन के बाद रख-रखाव के लिए ठोस व्यवस्था की पैरवी भी कर रहे हैं।
वहीं, राष्ट्रीय खेलों के बाद खेल अवस्थापना सुविधाओं के रख-रखाव को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर है। खेल विभाग अवस्थापना सुविधाओं के रख-रखाव के लिए अकादमी का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। खेल निदेशक प्रशांत आर्या के अनुसार इस संबंध में रोजाना बैठक की जा रही है और प्रस्ताव तैयार कर जल्द ही शासन को भेजा जाएगा।