मुख्य सचिव ने राज्य में भूस्खलन की सूचनाओं के डेटाबेस, भूस्खलन के खतरों व जोखिमों के आकलन और भूस्खलनों के स्थलीय परीक्षण को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्रदेश में भूस्खलन न्यूनीकरण के लिए किए जा रहे कार्यों की लगातार निगरानी रखने को भी कहा गया है। सचिवालय में उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की दूसरी कार्यकारी समिति की बैठक हुई।
बैठक मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भूस्खलन निगरानी और पूर्व चेतावनी प्रणाली को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के जोखिम से बचाव के लिए जागरुकता और पूर्व तैयारियों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने भूस्खलन सूचना डेटाबेस के तहत चारधाम यात्रा मार्ग के मानचित्रों का संग्रह तैयार करने, जिलावार भूस्खलन के आंकड़ों की जानकारी तैयार करने और जिलावार भूस्खलनों की संवेदनशीलता की मैपिंग करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अल्मोड़ा, गोपेश्वर, मसूरी, नैनीताल उत्तरकाशी में किए जा रहे भूस्खलन के खतरों व जोखिमों के आकलन की रिपोर्ट भी तलब की है।