उत्तराखंड में बढ़ते तापमान और वनाग्नि की घटनाओं को नियंत्रण करने के लिए सरकार ने पराली जलाने पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए शासन ने जिलाधिकारियों को पराली जलाने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कृषि सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि वर्तमान में राज्य के विभिन्न स्थानों पर वनाग्नि की घटनाओं में वृद्धि हुई है। इसका एक कारण खेतों में फसल कटाई के उपरांत अवशेष जलाया जाना भी है। उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है।
कृषि सचिव ने कृषि विभाग के सभी जनपदीय तथा क्षेत्रीय कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि किसानों को फसल कटाई के बाद अवशेष-पराली प्रबंधन के लिए यथासंभव प्रचार करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाए।
मुख्य कृषि अधिकारी जिले में इस प्रकार के प्रकरणों की निगरानी करेंगे। इसी क्रम में उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डा. मेहरबान सिंह बिष्ट ने फसलों की पराली, झाड़-झंकार और अन्य वस्तुओं को जलाने पर रोक के आदेश जारी कर दिए हैं।