राज्य के तीन जल संकटग्रस्त जिलों- चम्पावत, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में अटल भूजल योजना के तहत विभिन्न राज्य एजेंसियों के बीच भूजल प्रबंधन के संबंध में समन्वय स्थापित करने के लिए राज्य स्तरीय संचालन समिति गठित की जाएगी।
यह समिति जल बजटिंग और अटल भूजल योजना के तहत किए जा रहे कामों की स्थानीय स्तर पर निगरानी करेगी। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य स्तरीय संचालन समिति के गठन के निर्देश दिए हैं। समिति में लघु सिचाई विभाग को नोडल विभाग बनाते हुए पेयजल व स्वच्छता, शहरी विकास, पंचायती राज, सिचाई, ग्राम्य विकास विभाग और स्प्रिंग एण्ड रिवर रिजूविनेशन प्राधिकरण (सारा) को शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं।
सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव ने कार्यक्रम की नियमित रूप से मासिक समीक्षा करने को कहा। उन्होंने नोडल विभाग को स्थानीय निकायों के स्तर पर मास्टर ट्रेनर्स नामित करने और उनके प्रशिक्षण के लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
यह मास्टर ट्रेनर वाटर प्लान व बजटिंग बनाने में सहायता करेंगे। श्रीमती रतूड़ी ने जल संकटग्रस्त चम्पावत, हरिद्वार और उधमसिंह नगर जिलों में अटल भूजल योजना के तहत कैच द रैन, अमृतसरोवर, सारा की गतिविधियों को भी शामिल करने को कहा है।
अटल भूजल योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर देते हुए मुख्य सचिव ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य मुख्य रूप से वर्तमान में संचालित विभिन्न केंद्रीय और राज्य योजनाओं के बीच समन्वय के माध्यम से सामुदायिक नेतृत्व व भागीदारी से स्थायी भूजल प्रबंधन में सुधार करना है।