उत्तराखंड को फार्मा हब बनाने की दिशा में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन मुख्यालय, देहरादून में फार्मा उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों की एक अहम बैठक हुई। इसमें राज्य की 30 से अधिक दवा निर्माता इकाइयों के प्रतिनिधियों और औषधि अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में हाल ही में सामने आई निम्न गुणवत्ता वाली दवाओं की मामले पर चर्चा हुई और दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
दवा निर्माताओं ने बिना जांच पूरी हुए जारी ड्रग अलर्ट पर चिंता जताई और इसे उद्योग की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बताया।
राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने स्पष्ट किया कि सरकार उद्योग के साथ है, लेकिन दवाओं की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी कंपनियों को मानकों का सख्ती से पालन करने और हर स्तर पर गुणवत्ता रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्य में फिलहाल 285 फार्मा यूनिट्स हैं, जिनमें से 242 डब्ल्यू॰एच॰ओ प्रमाणित हैं। हाल ही में देहरादून में उच्च तकनीकी लैब की स्थापना हुई है, जहां दवाओं के साथ-साथ मेडिकल उपकरणों और कॉस्मेटिक उत्पादों की जांच की जा सकेगी। सरकार ने कहा है कि निम्न गुणवत्ता वाली दवा बनाने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और इस दिशा में कतई न बर्दाश्त करने की नीति पर अमल किया जा रहा है।