उत्तराखंड के बहुत से भागों में लगातार हो रही वर्षा के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और मैदानी इलाकों में जलभराव ने राज्य के निवासियों के लिए गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। राज्य की प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राहत शिविरों में भोजन, पेयजल, दवाइयां और स्वच्छता सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और फसलों के नुकसान का शीघ्र आकलन करके जल्द मुआवज़े का भुगतान करने पर भी बल दिया। उन्होंने आश्वासन दिया है कि प्रशासन प्रभावित लोगों को समय पर राहत पहुंचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। साथ ही जहां भी आवश्यकता होगी वहां स्वास्थ्य शिविर भी लगाए जाएंगे।
इस बीच, चार धाम यात्रा अभी भी स्थगित है। गढ़वाल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने कहा है कि मौसम में सुधार होने पर तीर्थयात्रा फिर से शुरू करने पर विचार किया जाएगा।
वहीं मौसम विभाग ने देहरादून, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और बागेश्वर के कुछ भागों में तेज से अत्यधिक तेज वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। अन्य जिलों में आंधी के साथ वर्षा का येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। मौसम संबंधी चेतावनी को देखते हुए रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, नैनीताल और चंपावत जिलों में आज स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद रहेंगे।