मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत को धराली सहित अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ग्लेशियर और ग्लेशियर झीलों का तत्काल विश्लेषण कर स्थिति की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ग्लेशियर पिघलने से बनने वाली झीलों और उनसे संभावित खतरों का आकलन कर, खासकर धराली और ऋषि गंगा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को प्राथमिकता पर लेते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए, ताकि संभावित आपदा से पहले तैयारी सुनिश्चित की जा सके।
मुख्य सचिव ने प्रदेशभर के ऐसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों की पहचान करने को कहा, जहां झील बनने या उनके विस्तार की आशंका है, और इस कार्य के लिए उत्तराखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (यू-सैक) को नोडल एजेंसी नामित किया। उन्होंने कहा कि यह एक सतत प्रक्रिया है और यू-सैक को मजबूत किया जाना आवश्यक है।