उत्तराखंड के भविष्य के संबंध में मंथन के लिए नई टिहरी में गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें राजनीतिक, सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग और बुद्धिजीवी शामिल हुए। इस मौके पर मूल निवास, सख्त भू-कानून, पलायन रोकने, प्रदेश के हक-हकूकों पर मूल निवासियों के हक और उत्तराखंड को संविधान की अनुसूचि-5 में शामिल करते हुए यहां के निवासियों को वनवासी घोषित करने और जनजातीय अधिकार देने पर जोर दिया गया।
सभी लोग इस बात पर एकमत थे कि उत्तराखंडियत को बचाने के लिए एकजुट होना होगा। इस अवसर पर टिहरी के विधायक किशोर उपाध्याय ने परिसीमन को लेकर सजग किया।
वहीं, प्रतापनगर के विधायक विक्रम नेगी ने चिंता जताई कि आगामी परिसीमन में पहाड़ का प्रतिनिधित्व घट जाएगा। इसलिए, उत्तराखंड को संविधान की अनुसूचि-5 में शामिल किया जाना चाहिए।