फ़रवरी 20, 2025 1:09 अपराह्न

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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने जंगलों में लगने वाली आग को लेकर अपनाया कड़ा रुख

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने जंगलों में लगने वाली आग को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए दायर जनहित याचिका समेत अन्य याचिकाओं पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक धनंजय मोहन व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित हुए। न्यायालय ने उनसे आग पर नियंत्रण के लिए विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा और याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं से भी समाधान संबंधी सुझाव मांगे। उच्च न्यायालय ने निर्देश दिए कि फायर सीजन शुरू होने से पहले फायर लाइन बनाई जाए, आग लगने की घटनाओं पर ड्रोन के माध्यम से निगरानी रखी जाए और सैटेलाइट की मदद से आग प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी संबंधित विभागों को भेजी जाए। साथ ही, स्थानीय लोगों की सहायता लेकर पर्यावरण संरक्षण के प्रयास किए जाएं, क्योंकि वे अपने क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियों से अधिक परिचित होते हैं। प्रमुख वन संरक्षक ने न्यायालय को बताया कि विभाग ने कई सौ किलोमीटर की फायर लाइन तैयार कर ली है और 14 हजार आठ सौ फायर कर्मियों की तैनाती कर दी गई है। आग बुझाने के लिए दस हजार श्रमिकों को दैनिक मजदूरी पर रखा गया है। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया से सैटेलाइट की मदद भी ली जा रही है ताकि आग लगने की घटनाओं की जानकारी तुरंत मिल सके।