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मई 7, 2024 5:42 अपराह्न | UTTARAKHAND NEWS

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उत्तराखंडः जंगलों में आग लगाने वाले आरोपियों के खिलाफ फॉरेस्ट एक्ट, वाइल्ड लाइफ एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और पब्लिक प्राइवेट प्रोपर्टी डेमेज रिकवरी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी

उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने की कोशिशें जारी हैं। सरकार ने जंगल की आग की रोकथाम और नियंत्रण के लिए विशेष व्यवस्था की है। इसके लिए सरकार ने जंगल की आग से प्रभावित जिलों के लिए 5-5 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों के साथ ही जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, डीएफओ, पुलिस अधिकारी और फायर वॉचर लगातार मौके पर जंगल की आग बुझाने में लगे हुए हैं। सरकार ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर सहायता युवा मंगल दल, महिला मंगल दल, स्वयं सहायता समूह, स्वयंसेवक, पीएससी जवान, होम गार्ड और पीआरडी जवानों को भी इस काम में लगाया जाएगा। पौड़ी जिले के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है। राज्य वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, इस फायर सीजन में अब तक जंगल में आग लगने की लगभग 930 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इनमें से जंगल में आग लगने की सबसे ज्यादा 491 घटनाएं कुमाऊं मंडल में और 365 गढ़वाल मंडल में दर्ज की गई हैं। इससे अब तक लगभग 1 हजार 196 दशमलव पाँच हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इसके साथ ही जंगलों में आग लगाने वालों के खिलाफ भी पुलिस और वन विभाग आवश्यक कार्रवाई कर रही है। अब तक कुल 383 वन अपराध मामले दर्ज किये गये हैं, जिनमें 315 अज्ञात और 59 ज्ञात मामले शामिल हैं। इसके अलावा जंगलों में आग लगाने वाले आरोपियों के खिलाफ फॉरेस्ट एक्ट, वाइल्ड लाइफ एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और पब्लिक प्राइवेट प्रोपर्टी डेमेज रिकवरी एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही संबंधित दोषियों की संपत्ति भी जब्त की जाएगी।