लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में प्रदेश की महत्वपूर्व सीटों में से एक उज्जैन लोकसभा क्षेत्र में 13 मई को वोट डाले जाएंगे। भगवान महाकाल की नगरी और प्रदेश के मुख्यमंत्री का गृह नगर उज्जैन भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। उज्जैन में अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में से 12 बार भाजपा या जनसंघ के प्रत्याशियों को ही जीत मिली है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित उज्जैन संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभा सीट शामिल हैं। इनमें से छह भाजपा के खाते में है जबकि दो कांग्रेस के पास हैं। उज्जैन में कुल 17 लाख 72 हजार मतदाता हैं। इनमें करीब 8 लाख 95 हजार पुरुष और 8 लाख 77 हजार महिला मतदाता हैं।
उज्जैन में इस बार कुल 9 उम्मीदवार मैदान में हैं, पर मुख्य मुकाबला मौजूदा सांसद और भाजपा उम्मीदवार अनिल फिरोजिया और कांग्रेस के महेश परमार के बीच है। श्री फिरोजिया ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बाबूलाल मालवीय को करीब तीन लाख 65 हजार वोटों के अंतर से हराया था।