इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला के कार्डियोलॉजी विभाग व जनजातीय विकास विभाग के सहयोग से उच्च रक्तचाप, शुगर, हार्ट अटैक किडनी फेल ,अतितनाव व मोटापा को लेकर मरीजो का पंजीकरण करवाने का अभियान जनजातीय क्षेत्रो से आरंभ किया है। इसी कड़ी में क्षेत्रीय अस्पताल केलंग में शिविर का आयोजन किया गया जिसमें लाहौल ब्लॉक में तैनात डॉक्टरों व आयुष विभाग के आयुष अधिकारियों को ट्राइबल क्षेत्र में हाइपरटेंशन , ब्लूडप्रेशर की कारणों व जांच उनकी फैमिली हिस्ट्री उन मरीजो को फॉलोअप करने व डेटा बेस बनाने पर गहन चर्चा की गई ।
कार्डियोलॉजी विभाग शिमला के पी सी नेगी ने कहा कि मोटापा, निष्क्रिय जीवनशैली, तनाव, धूम्रपान, और अल्कोहल और आहार में सोडियम की अत्यधिक मात्रा, ये सभी इसे विकसित करने की वंशानुगत प्रवृत्ति वाले लोगों में हाई ब्लड प्रेशर के विकास में भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे में उन्होंने डॉक्टरों से हाई ब्लड प्रेशर व अतितनाव व शुगर के मरीजो की डेटा बेस तैयार करने व उन मरीजो का फॉलोअप करने पर चर्चा की ताकि हृदयाघात व पैरालाइसिस ,किडनी फैल के मामलों में कमी लाई जा सके ।
नेगी ने कहा कि आज जीवन शैली व खानपान की बजह से शुगर ब्लड प्रेशर , अतितनाव के मरीजो की संख्या बढ़ती जा रही है ऐसे में डॉक्टरों की भूमिका अहम हो जाती है कि ऐसे रोगियों की समय पर पहचान हो और उनके लिये समय पर एहतियात बरतने व दवाइयों की सेवन पर ध्यान दिया जाए ।
P C नेगी ने कहा कि हाई ब्लड प्रेशर ,शुगर , हाईपरटेंशन के मरीजो का रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पिछले एक वर्ष से आरंभ की गई है जिसका मुख्य उद्देश्य ऐसे मरीजो का प्रोफइल बने और इनका मॉनिटर किया जा सके । उन्होंने कहा कि मरीज लक्षण के बाद ही हॉस्पिटल पहुँचते है तब तक ब्लड प्रेशर व शुगर की वजह से किडनी खराब व स्ट्रोक तक आ जाते है ।नेगी ने 20 वर्ष से ऊपर के सभी लोगो से साल में एक बार मेडिकल चेकअप करने की अपील करते हुए कहा कि समय रहते डायग्नोज होने पर इलाज सम्भव है और उन्होंने कहा कि चीनी मोटापे का मुख्य कारण है और मोटापे से ही गम्भीर बीमारी होती है।