ईरान के सर्वोच्च नेता अली ख़ामेनेई ने मौजूदा परिस्थितियों में अमरीका के साथ परमाणु वार्ता के ख़िलाफ़ चेतावनी देते हुए कहा है कि इससे ईरान के राष्ट्रीय हितों की पूर्ति नहीं होगी। उन्होंने आगाह किया कि ऐसी वार्ताओं से ईरान को भारी नुकसान हो सकता है, जिनमें से कुछ की भरपाई शायद पूरी नहीं हो पाएगी।
ख़ामेनेई ने अमरीका के रुख़ की आलोचना करते हुए कहा कि अमरीका ने ईरान की परमाणु गतिविधियों और यूरेनियम संवर्धन पर रोक लगाने की मांग करके वार्ता का नतीजा पहले ही तय कर लिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह का रुख़ वास्तविक वार्ता नहीं, बल्कि हुक्म चलाने और थोपने के समान है।
ईरान ने जुलाई 2015 में विश्व शक्तियों के साथ एक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें प्रतिबंधों को हटाने के बदले में अपने परमाणु कार्यक्रम के कुछ पहलुओं पर रोक लगाने पर सहमति व्यक्त की गई थी। हालाँकि मई 2018 में अमरीका इस समझौते से हट गया और फिर से प्रतिबंध लगा दिए, जिससे तेहरान को समझौते के अंतर्गत अपनी प्रतिबद्धताओं को धीरे-धीरे कम करना पड़ा।