ईरान के राष्ट्रपति ने आज कहा कि उनके देश ने अपने परमाणु कार्यक्रम पर तेजी से आगे बढ़ने को लेकर अमरीका के साथ सीधी वार्ता को नकार दिया है। ईरान के सर्वोच्च नेता को राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा लिखे पत्र के जवाब में तेहरान की यह पहली प्रतिक्रिया है। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने ओमान सल्तनत के जरिए दी गई अपनी प्रतिक्रिया में वॉशिंग्टन के साथ अप्रत्यक्ष वार्ता की संभावना को खुला रखा है।
हालांकि ईरान ने पहले प्रत्यक्ष वार्ता करने के प्रति अपनी इच्छा दिखाई थी लेकिन ईरान के राष्ट्रपति का दृष्टिकोण को इसके रवैये में एक महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। अमरीका द्वारा बनाए गए अधिक दबाव और सैन्य कार्रवाई की धमकी सहित मौजूदा हालात ने ईरान को अपने रवैये पर पुनर्विचार के लिए बाध्य किया है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि अप्रत्यक्ष वार्ता एक व्यवहारिक विकल्प हो सकती है लेकिन मौजूदा हालात के मद्देनजर प्रत्यक्ष वार्ता संभव नहीं है।
वाइट हाउस ने इस घोषणा पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
डॉनल्ड ट्रंप का पत्र इस महीने की 12 तारीख को तेहरान पहुंचा। एक टेलीविजन साक्षात्कार में ट्रंप ने इस बारे में बहुत कम जानकारी दी कि उन्होंने सर्वोच्च नेता से पत्र में वास्तव में क्या कहा। ट्रंप का पत्र ऐसे समय में आया है जब इस्राइल और अमरीका दोनों ने ईरान को परमाणु हथियार नहीं हासिल करने के प्रति आगाह किया है। हाल ही में अमरीका ने यमन के ईरान समर्थित हौसि विद्रोहियों को निशाना बनाते हुए सघन हवाई हमले किए। ऐसे में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाने के लिए सैन्य कार्रवाई का जोखिम बना हुआ है।
ईरान लंबे समय से कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। हालांकि, उसके अधिकारी लगातार बम की संभावना तलाशने की धमकी दे रहे हैं। फरवरी महीने की एक रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था ने कहा कि ईरान ने परमाणु हथियार-ग्रेड यूरेनियम के उत्पादन को बढ़ा दिया है।