इस वर्ष ब्राज़ील के बेलेम में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बीच, एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि भारत और ताइवान व्यावहारिक सहयोग और साझा नवाचार के माध्यम से दो महत्वपूर्ण सतत विकास लक्ष्यों – जलवायु कार्रवाई और ज़िम्मेदार उपभोग तथा उत्पादन को संयुक्त रूप से आगे बढ़ा सकते हैं।
द ताइपे टाइम्स के अनुसार, जलवायु कार्रवाई को अलग-थलग करके नहीं, बल्कि उपभोग और उत्पादन में व्यापक बदलाव के रूप में देखा जाना चाहिए।
यह रिपोर्ट इस बात पर ज़ोर देती है कि आकार और आर्थिक संरचना में विशेष अंतर होने के बावजूद, भारत और ताइवान दोनों ही पूरक शक्तियां प्रदान करते हैं जो एशिया में सतत विकास के लिए एक व्यावहारिक मॉडल तैयार कर सकती हैं।