भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन – इसरो कल सुबह वैमानिकी परीक्षण रेंज में अपने पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान पुष्पक का परीक्षण करेगा। कर्नाटक में चित्रदुर्ग के पास चल्लकेरे में होने वाले परीक्षण के दौरान इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
पिछले साल अप्रैल में आयोजित पहले परीक्षण के दौरान प्रक्षेपण यान के एक छोटे संस्करण का चल्लकेरे रनवे से परीक्षण किया गया था। इस बार भी पुष्पक के छोटे संस्करण को भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर से लगभग साढे चार किलोमीटर की ऊंचाई तक ले जाया जाएगा और पूर्व निर्धारित पिलबॉक्स मापदंडों को प्राप्त करने के बाद छोड़ा जाएगा। यान को हवा की गति, वेग और अन्य बाधाओं को ध्यान में रखते हुए रनवे पर पूरी तरह से उतरना होगा। ऑनबोर्ड नेविगेशन सिस्टम रनवे के आसपास की बाधाओं पर काबू पाकर वाहन को साढे तीन सौ किलोमीटर प्रति घंटे के उच्च वेग से उतरने में सहायता करेगा। परीक्षण एकीकृत नेविगेशन, मार्गदर्शन और नियंत्रण प्रणाली का उपयोग करके दृष्टिकोण और लैंडिंग युद्धाभ्यास निर्धारित करने में मदद करेगा। पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान प्रक्षेपण व्यय में कटौती करेगा और भारत को उसके अंतरिक्ष अनुसंधान मिशनों में मदद करेगा।