भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज अपने स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) से अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट का प्रक्षेपण करेगा। प्रक्षेपण की प्रक्रिया सुबह 9 बजकर 17 पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुरू होगी।
इस के साथ ही स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के विकास की परियोजना का कार्य पूरा हो जाएगा और यह छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए सेवा देने में पूरी तरह से सक्षम हो जाएगा।
पीएसएलवी की तुलना में 10 मीटर छोटे रॉकेट – एस एस एल वी का इस्तेमाल पृथ्वी की निचली कक्षा में छोटे, कम वजन वाले और नैनो सेटेलाइट को प्रक्षेपित करने में किया जाएगा।
एस एस एल वी अंतरिक्ष में कम लागत के कई उपग्रह को छोड़ने में और कम से कम प्रक्षेपण बुनियादी ढांचे के साथ प्रक्षेपण मिशनों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। पीएसएलवी की तुलना में एस एस एल वी की लागत लगभग 20% से 30% कम है।