प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका – इब्सा केवल तीन देशों का समूह नहीं है, बल्कि तीन महाद्वीपों, तीन प्रमुख लोकतंत्रों और तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने कहा कि तीनों देश एक-दूसरे के विकास के पूरक बन सकते हैं और सतत विकास के लिए एक मिसाल कायम कर सकते हैं। जोहान्सबर्ग में भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका के नेताओं की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने मोटे अनाज, प्राकृतिक खेती, आपदा प्रतिरोधक क्षमता, हरित ऊर्जा, पारंपरिक चिकित्सा और स्वास्थ्य सुरक्षा में सहयोग के अवसरों पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री ने इस बैठक को समयानुकूल बताया क्योंकि यह अफ्रीकी धरती पर पहली बार आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के साथ हुई है। उन्होंने कहा कि वैश्विक दक्षिण देशों द्वारा लगातार चार बार जी-20 की अध्यक्षता की गई, जिनमें से अंतिम तीन का नेतृत्व इब्सा सदस्यों ने किया। उन्होंने कहा कि इसने मानव-केंद्रित विकास, बहुपक्षीय सुधार और सतत विकास पर केंद्रित कई प्रमुख पहलों में योगदान दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की वैश्विक संस्थाएँ 21वीं सदी की ज़रूरतों के अनुरूप नहीं हैं। उन्होंने इब्सा से स्पष्ट रूप से यह कहने का आग्रह किया कि वैश्विक निकायों, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार वैकल्पिक नहीं, बल्कि आवश्यक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद-निरोध पर, घनिष्ठ समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि आतंकवाद से निपटने में दोहरे मानदंडों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। मानव-केंद्रित विकास में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर ज़ोर देते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों देशों के बीच यूपीआई जैसे डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे, कोविन जैसे स्वास्थ्य प्लेटफ़ॉर्म, साइबर सुरक्षा ढाँचे और महिलाओं के नेतृत्व वाली प्रौद्योगिकी पहलों को साझा करने की सुविधा के लिए एक ‘इब्सा डिजिटल नवाचार गठबंधन’ का प्रस्ताव रखा।
प्रधानमंत्री ने सुरक्षित, विश्वसनीय और मानव-केंद्रित एआई मानदंडों को आकार देने में इब्सा की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने अगले वर्ष भारत में आयोजित होने वाले एआई इम्पैक्ट समिट में नेताओं को आमंत्रित किया। शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सौर ऊर्जा सहित 40 देशों में परियोजनाओं के सहयोग में इब्सा फंड के कार्य की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करने के लिए जलवायु-लचीली कृषि के लिए इब्सा फंड की स्थापना का प्रस्ताव रखा।
बैठक की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने की और इसमें प्रधानमंत्री मोदी के साथ ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने भाग लिया।