देहरादून जिले की आसन झील में प्रवास पर आए विदेशी पक्षी अब वापस अपने मूल निवास की ओर लौटने लगे हैं। इस बार भी वन विभाग की सतर्कता और पर्यटकों की बढ़ती दिलचस्पी के बीच यह खूबसूरत नजारा हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र रहा रहा है। आसन झील को आसन वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहां हर साल रूस, साइबेरिया, मंगोलिया और मध्य एशिया जैसे ठंडे देशों से आए पक्षी यहां ठंड के मौसम में शरण लेते हैं और मार्च-अप्रैल आते ही गर्म इलाकों की ओर लौटने लगते हैं। अब जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, ये पक्षी वापस अपने मूल निवास की ओर लौट रहे हैं। चकराता वन प्रभाग के दरोगा प्रदीप सक्सेना ने बताया कि इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए और किसी भी प्रकार के शिकार या अवैध गतिविधियों पर सख्ती बरती गई। उन्होंने बताया कि इस बार यहां 117 प्रजाति के लगभग 5 हजार 200 देशी व विदेशी पक्षियों ने आसन झील में डेरा डाला।
वहीं, पक्षी प्रेमियों और पर्यटकों का कहना है कि यहां आकर पक्षियों को देखना एक अनोखा अनुभव रहा।