उत्तराखण्ड की आवासीय कॉलोनियों में बाल श्रम पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए सभी जिला प्रशासन को सर्कुलर जारी करने को कहा गया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। सचिवालय में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की राज्य स्तरीय मूल्यांकन एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को बाल विवाह से मुक्त करवाई गई बालिकाओं के लिए आवासीय विद्यालयों और छात्रावास की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने पिथौरागढ़ और हरिद्वार में बाल विवाह की रोकथाम और चंपावत में मानव तस्करी के अधिक मामलों पर चिंता जताते हुए इसको रोकने के लिए हर जिले के लिए अलग-अलग कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने बैठक में मौजूद एनजीओ, सामाजिक सेवा संस्थानों व विभागों से राज्य में कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी से सम्बन्धित रिपोर्ट और कार्यबल में महिला हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी दिए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे प्रदेश में पढ़ाई छोड़ चुकी बालिकाओं के नामों की स्पष्ट सूची जल्द से जल्द तैयार करें ताकि उन्हें फिर से शिक्षा से जोड़ा जा सके। उन्होंने इस सम्बन्ध में अधिकारियों को औपचारिकताओं से हटकर प्रो-एक्टिव होकर काम करने को कहा।